साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों में 59 लोग मारे गए थे AhmedabadBlasts (satyajeetAT)
अहमदाबाद बम धमाका मामले में रांची के दो आरोपी बरीगुजरात के अहमदाबाद में साल 2008 में हुए बम धमाका मामले में कोर्ट ने 49 लोगों को दोषी करार दिया है जबकि इस मामले में 28 लोगों को बरी कर दिया है.
21 जून 2011 को दानिश को गुजरात के वडोदरा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था. वहीं 3 मार्च 2013 को मंजर इमाम को रांची के कांके इलाके से एनआईए ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, धमाके के 13 साल बाद दोनों यानी मंज़र और दानिश को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा कर दिया. कोर्ट के द्वारा दोष पाए गए युवकों के परिजन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है, परिजनों का कहना है कि अभी फैसला आना बाकी है और उन्हें उम्मीद है कि जैसे जिले के तीन युवक बरी हुए है वैसे ही वो भी छूट जाएंगे.
Deutschland Neuesten Nachrichten, Deutschland Schlagzeilen
Similar News:Sie können auch ähnliche Nachrichten wie diese lesen, die wir aus anderen Nachrichtenquellen gesammelt haben.
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में फैसला आज: 2008 में बम धमाकों में 56 लोगों ने जान गंवाई; IM और SIMI आंतकियों पर 12 साल चले मुकदमे26 जुलाई 2008, यही वह दिन था जब 70 मिनट के दौरान 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह को हिलाकर रख दिया। शहर भर में हुए इन धमाकों में कम से कम 56 लोगों की जान गई, जबकि 200 लोग घायल हुए। धमाकों की जांच-पड़ताल कई साल चली और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चला। | Ahmedabad Serial blast case| 26 July 2008| Special court likely to give out verdict today| 2008 में 70 मिनट में हुए थे 21 बम धमाके, 56 लोगों ने जान गंवाई
Weiterlesen »
पीएम मोदी के कोरोना काल में मज़दूरों के पलायन के दावे और सवाल - BBC News हिंदीप्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कोरोना महामारी के दौरान मज़दूरों के पलायन को लेकर विपक्ष पर ज़बरदस्त हमला बोला है. मगर कितने दमदार हैं उनके ये दावे?
Weiterlesen »
हिजाब विवाद: कर्नाटक में हिंसा के आरोप में 15 गिरफ्तार, हाईकोर्ट में आज सुनवाईराज्य के पांच जिलों के 7 कॉलेजों में टकराव और हिंसक घटनाएं हुई हैं. Karnataka के 19 जिलों के 55 कॉलेजों में विरोध प्रदर्शन किया गया है.
Weiterlesen »
बजट में आदिवासियों की अनदेखी, बजटीय आवंटन आबादी के अनुपात में नहीं: आदिवासी अधिकार मंचआदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच ने कहा कि आम बजट में जनजातीय समुदाय की अनदेखी करते हुए उसके लिए कुल बजट की 8.6 प्रतिशत राशि के बजाय केवल 2.26 प्रतिशत राशि आवंटित की गई है.
Weiterlesen »
'हम झुग्गी नहीं आदिवासी पाड़ो के निवासी हैं'- मुंबई के आरे जंगल में पहचान की जंगMaharashtra | आदिवासियों का कहना है कि 'हमें झोपड़पट्टी धारक कहना हमारे लिए गाली की तरह है.स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी द्वारा हमारा पुनर्वास करने से हमारी पुश्तैनी जमीन, संस्कृति और खेती सरकारी रिकॉर्ड में विलुप्त हो जाएगी. | ritvick_ab
Weiterlesen »