औरंगाबाद जिले के किसानों को पपीता की खेती से लाभ हो रहा है, लेकिन गलती से दवाओं का छिड़काव करने से नुकसान भी हो सकता है।
औरंगाबाद जिले के दर्जनों किसान पपीता की खेती करते हैं। इससे किसान ों को लाभ होता है, लेकिन खेती में सावधानियां बरतनी चाहिए। ग़लती से पौधों पर छिड़काव करने से लगभग 2 लाख रुपए का नुकसान हो सकता है, जैसा कि किसान कृष्णा कुमार को हुआ। उन्होंने 2 एकड़ में लगभग 1500 पपीता के पौधे लगाए थे, जो जिला उद्यान विभाग से प्राप्त थे। पपीता की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती है। गर्मी के दिनों में 5 से 6 दिन पर पानी देने की आवश्यकता होती है, जबकि ठंड के मौसम में 10-12 दिनों पर। प्रति एकड़ 80 क्विंटल
पपीता का उत्पादन होता है
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