परवल की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी की तैयारी के लिए खेत की गहरी जुताई करके उसमें अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाना चाहिए. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और परवल के पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं.
परवल की खेती किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभदायक व्यवसाय हो सकता है, बशर्ते की सही समय और तकनीकों का पालन किया जाए. कृषि एक्सपर्ट्स के अनुसार, परवल की खेती के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और जून से जुलाई तक का होता है. अगस्त के पहले सप्ताह तक भी इसकी खेती की जा सकती है. इन महीनों में मौसम और मिट्टी की स्थिति परवल के विकास के लिए आदर्श होती है. पिछले 25 वर्षों से कार्यरत कृषि विशेषज्ञ रविकांत पांडे ने परवल की खेती और मौसम के अनुरूप उसके उन्नत प्रभेदों पर विशेष जानकारी साझा की है.
ध्यान रखें कि सिंचाई करते समय जलभराव न हो, क्योंकि इससे जड़ सड़न और फफूंद जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. परवल की खेती के लिए जैविक और रासायनिक उर्वरकों का समुचित उपयोग करना चाहिए. 2-3 बार अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें.इसके साथ ही, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों का भी सही मात्रा में उपयोग करें. ध्यान रखें कि उर्वरक का उपयोग पौधों की बढ़वार के विभिन्न चरणों में करें. परवल की खेती के लिए जैविक और रासायनिक उर्वरकों का समुचित उपयोग करना चाहिए.
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