मोटे अनाज वे अनाज हैं जिसके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती. ये अनाज कम पानी और कम उपजाऊ भूमि में भी उग जाते हैं. धान और गेहूं की तुलना में मोटे अनाज के उत्पादन में पानी की खपत बहुत कम होती है. इसकी खेती में यूरिया और दूसरे रसायनों की जरूरत भी नहीं पड़ती.
बलिया: खरीफ फसल का सीजन चल रहा है. धान की फसल इस सीजन की मुख्य फसलों में से एक मानी जाती है. परंतु कई अन्य फसलें भी हैं, जो खरीफ के सीजन में होती हैं. जिनकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं. अगर आप भी एक किसान है और धान से अलग किसी अन्य फसल की खेती करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जी हां हम बात कर रहे हैं उन मोटे अनाजों की जो शरीर के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है. सरकार भी मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दे रही है ताकि लोग स्वस्थ रहें.
करें इन 5 मोटे अनाजों की खेती 1 – टांगुन या कंगनी ये 60 से 90 दिन में तैयार हो जाती है, और एक बीघे के लिए सवा किलो बीज पर्याप्त है.खास बात यह है कि इसमें बहुत कम खाद और पानी की जरूरत पड़ती है. यह ऊंची जमीनों पर भी उगाई जा सकती है 2 – मड़ुआ की बाली गुच्छेदार होती हैं. यह 80 से 100 दिन में तैयार हो जाती है. मड़ुआ को सीधी बुवाई करनी है तो जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई मध्य तक मानसून की बारिश होने पर की जाती है. छिंटकवा विधि की तुलना में सीधी बुवाई से कतारों में बोआई करना बेहतर होता है.
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खरीफ के सीजन में करें मोटे अनाज की खेती, अनुदान पर बीज लेकर कमाएं मुनाफाखरीफ का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में मुरादाबाद में किसानों के लिए धान नई-नई वैरायटी सामने आई है. इसके साथ ही राष्ट्रीय कृषि गोदाम पर अनुदान का बीज भी मिल रहा है. खरीफ की फसल में मिलेट्स का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जिसको देखते हुए जल्दी गोदाम पर मिल्स की चीज उपलब्ध हो जाएगी.
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