ईरान का चाबहार बंदरगाह भारत के लिए बेहद अहम है लेकिन ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते इसके विकास में कभी तेजी नहीं आ पाई. अब भारत इस बंदरगाह पर तेजी से काम करना चाहता है. चुनाव के बाद इसे लेकर ईरान के साथ दीर्घकालिक समझौता होने वाला है.
भारत और ईरान ने दो दशक से अधिक की धीमी गति से चल रही बातचीत के बाद चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक दीर्घकालिक कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप दे दिया है. मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है. भारत के आम चुनाव के बाद जहाजरानी मंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ईरान का दौरा करेगा. 2024 की दूसरी छमाही में यह दौरा होगा और इस दौरान चाबहार बंदरगाह से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया जाएगा.
इस दौरान भारत ईरान को बंदरगाह के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के विकास में मदद करने के लिए सहमत हुआ था.भारत को इस बंदरगाह में इसलिए दिलचस्पी है क्योंकि बंदरगाह भारतीय सामान को अफगानिस्तान और मध्य एशिया के बाजारों तक पहुंचने के लिए एक रणनीतिक प्रवेश द्वार प्रदान करता है.हालांकि, बंदरगाह के विकास का काम बेहद धीरे-धीरे आगे बढ़ा है. साल 2013 में, भारत ने चाबहार के विकास के लिए 10 करोड़ डॉलर देने का वादा किया.
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