एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन और इंटरनेट को ज्यादा इस्तेमाल करने से दिमाग के काम करने की क्षमता कम होती है, इसे ही डिजिटल डिमेंशिया कहते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन और इंटरनेट को ज्यादा इस्तेमाल करने से दिमाग के काम करने की क्षमता कम होती है, इसे ही डिजिटल डिमेंशिया कहते हैं.आजकल लोगों के दिन की शुरुआत मोबाइल पर नोटिफिकेशन चेक करते हुए होती है. इतना ही नहीं रात को सोने से पहले भी लोग अपने फोन पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम चेक करने के बाद ही सोते हैं. स्क्रीन चाहे मोबाइल की हो, टीवी या फिर लैटपटॉप की, व्यस्क तो व्यक्त इस स्क्रीन से बच्चे भी नहीं बच रहे हैं.
स्क्रीन टाइम को धीरे-धीरे कम करें. दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर न रहें. फोन के इस्तेमाल के लिए एक टाइम सेट कर लें. इससे इसकी लत से बचे रहेंगे और दूसरी चीजों के लिए भी वक्त निकाल पाएंगे.डिजिटल डिमेंशिया से बचने के लिए रोजाना कुछ देर एक्सरसाइज करें. योग, ध्यान और वॉक जैसी एक्टिविटीज बॉडी एंड माइंड दोनों को फिट रखती हैं.इसके बचाव के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें. किताबें पढ़ें, नई-नई चीजें सीखें, पहेलियां बुझाएं. इससे दिमाग के काम करने की क्षमता बढ़ती है.
Digital Dementia Disadvantages Of Spending Too Much Time On Screen
Deutschland Neuesten Nachrichten, Deutschland Schlagzeilen
Similar News:Sie können auch ähnliche Nachrichten wie diese lesen, die wir aus anderen Nachrichtenquellen gesammelt haben.
जो पढ़ोगे दिमाग में छप जाएगा, जो देखोगे भूलना पाओगे, ब्रेन पावर 100 गुना बढ़ा देंगी ये 8 सब्जीअगर आप दिमागी रूप से कमजोर है या आपकी याददाश्त कमजोर है, तो आप अपनी डाइट में कुछ सब्जियों को शामिल करके अपनी ब्रेन पावर को डबल कर सकते हैं।
Weiterlesen »
उम्र के साथ दिमाग हो रहा है कमजोर, भूल रहे हैं चीजें, तो डॉक्टर से जानें ब्रेन को पॉवरफुल बनाने के तरीकेहर साल 22 जुलाई को World Brain Day मनाया जाता है। इस दिन को दिमाग से जुड़ी परेशानियों के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। दिमाग से जुड़ी आम परेशानियों में Cognitive Decline यानी याददाश्त कमजोर होना और सोचने समझने की क्षमता कम होना आम है। आइए डॉक्टर से जानते हैं कॉग्नीटिव डिक्लाइन के लक्षण और बचाव के...
Weiterlesen »
दिमाग में आई सूजन तो समझो गई जान..! गुजरात में इस खतरनाक वायरस की एंट्री, जानें लक्षण और बचाव के उपायChandipura virus: देश में एक के बाद एक नए वायरस की एंट्री से लोग दहशत में हैं. गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में यह वायरस बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है. जी हां, यह ‘चांदीपुरा’ नामक वायरस है, जिसे मिस्ट्री वायरस के नाम से भी जाना जाता है.
Weiterlesen »
9 संकेत कि कोई आपसे जलता हैईर्ष्या कई प्रकार के व्यवहारों को जन्म दे सकती है, जिससे नकारात्मक टिप्पणियां, आपको कमजोर करने के प्रयास और यहां तक कि शारीरिक लक्षण भी शामिल हैं।
Weiterlesen »
कच्चें चिकन में हो सकता है इस खतरनाक वायरस का खतरा, जानेंकच्चें चिकन में हो सकता है इस खतरनाक वायरस का खतरा, जानें
Weiterlesen »
बिस्तर पड़े रहने का मन करता है, किसी काम में नहीं लगता मन, कहीं साइलेंट डिप्रेशन के लक्षण तो नहींलाइफ़स्टाइल | Others डिप्रेशन के बारे में जानने और पहचानने के लिए सिर्फ मनोवैज्ञानिक लक्षण ही नहीं, बल्कि कुछ शारीरिक लक्षण भी होते हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
Weiterlesen »