बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. हालात बिगड़ते देख सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है और फ़ोन सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन छात्रों की नाराज़गी की वजह क्या है?
बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में कोटा व्यवस्था में बदलाव कर स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को घटा दिया है.
ने बीबीसी को बताया, "अब केवल छात्र ही नहीं, बल्कि देश के सभी वर्गों के लोग इस विरोध आंदोलन में शामिल हो गए हैं."बांग्लादेश में शेख़ हसीना के संबोधन के बाद और भड़की हिंसा, अब तक कम से कम 33 मौतेंबांग्लादेश दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस विकास से विश्वविद्यालय के छात्रों को रोज़गार नहीं मिला है.
पिछले एक दशक में बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय तीन गुना हो गई है और विश्व बैंक का अनुमान है कि पिछले 20 वर्षों में 2.5 कोरड़ लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला गया है. ढाका में हुई इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि एक घरेलू सहायक के ख़िलाफ़ कथित तौर पर 3.4 करोड़ डॉलर जमा करने की ख़बर के बाद कार्रवाई की गई है.
उन्होंने कहा, "शेख़ हसीना ने शायद लोगों के अपने नेता को चुनने के सबसे बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकार से उन्हें वंचित किए जाने को लेकर उनके असंतोष के स्तर को कम करके आंका."वीडियो कैप्शन,सरकार पर मीडिया को भी दबाने का आरोप
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