मध्य पूर्व में तनाव, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण डॉलर के मुकाबले रुपया 84 के पार
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर । वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बीच आखिरी कारोबारी सत्र में रुपया अब तक निचले स्तर पर पहुंचा। पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 84.09 नीचे गिर गया।
ट्रे़ड एक्सपर्ट्स के अनुसार, मध्य पूर्व में तनाव इसका कारण है। इसी वजह से अस्थिरता बनी हुई है। मौजूदा स्थिति की वजह से तेल की कीमतें ऊंची बनी रहेंगी और अल्पावधि में रुपया कमजोर रहेगा। ब्रेंट क्रूड 30 सितंबर को लगभग 69 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। आखिरी कारोबारी सत्र में रुपया 83.96 के दिन के उच्चतम स्तर तक चढ़ा, लेकिन 84.09 के सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर बंद हुआ।
अगर रुपया 84.00 से नीचे रहता है तो रुपये की कमजोरी 84.25-84.35 तक बढ़ सकती है। बाजार के जानकारों का कहना है कि अगर 84.20-84.35 रेंज के बीच रहेगा तो सुधार संभव है, जबकि 83.70-83.80 रेंज के साथ प्रतिरोध देखा जा सकता है।
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