एक मस्जिद के अंदर मौलवी की डंडों से पीट-पीट कर हत्या होने के तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं.
राजस्थान में अजमेर के रामगंज थाना इलाक़े की एक मस्जिद के अंदर मौलवी की डंडों से पीट-पीट कर हत्या होने के तीन दिन बीतने के बाद भी पुलिस अभियुक्तों का कोई पता नहीं लगा सकी है.
शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन मौलाना का शव उत्तर प्रदेश ले गए, जहां 28 अप्रैल को उन्हें सुपुर्द ए ख़ाक कर दिया गया है. उन्होंने बताया, "हम चाहते हैं कि अपराधी पकड़े जाएं और उन्हें सख्त सज़ा दी जानी चाहिए. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि अपराधी पकड़े जाएंगे लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है." मस्जिद की देखरेख कर रहे आसिफ़ ख़ान कहते हैं, "यदि पुलिस जल्द गिरफ्तार नहीं करती है तो फिर समाज के लोगों की राय से क़दम उठाएंगे और धरना दिया जाएगा. घटना के बाद से ही पूर्व के मौलाना ज़ाकिर साहब के घर बच्चे रह रहे हैं. अब मस्जिद में कोई नहीं रहता है, लोग सिर्फ़ नमाज़ पढ़ने आते हैं."ज़कात क्या है, इस्लाम के इस नियम के बारे में आप कितना जानते हैं?मस्जिद परिसर में मौजूद इस कमरे में ही मौलाना अपने छात्रों के साथ सो रहे थे, जब उनकी हत्या की गई.
"उनमें से एक गैलरी में गया और फिर कुछ देर में पीछे की दीवार फांद कर सभी भाग गए. हमसे उम्र में बड़े दो बच्चों ने मौलाना साहब को देखा और हम छोटे बच्चे पड़ोसियों को बुलाने चले गए."मुस्लिम स्वाधीनता सेनानी ने दिया था 'भारत माता की जय' का नारा?लाहौर में बीवी की इजाज़त के बिना दूसरी शादी करने वाले पति को सज़ा, क्या कहता है पाकिस्तान का क़ानूनमस्जिद के पास ही रहने वाले एक शख़्स मौलाना मोहम्मद माहिर की एक तस्वीर हमें दिखाते हैं.
शोएब बताते हैं, "कई साल पहले मौलाना साहब मदरसे के छात्र हुआ करते थे, वह तब से परिचित हैं. छह महीने पहले हमारे पिता ज़ाकिर साहब की मृत्यु हो गई. उनके बाद से मोहम्मद माहिर मौलाना बने और अच्छे से संचालन कर रहे थे."वह बताते हैं, "मौलाना साहब की अभी शादी भी नहीं हुई थी और रिश्ते की बातचीत चल रही थी. उनके पिता असलम खेतीबाड़ी करते हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही वह सदमे में हैं और खाट पर हैं.
आसिफ़ खान बताते हैं, "मौलाना लोगों को इस्लाम की जानकारी देते और नेक राह पर चलने के लिए प्रेरित करते थे."
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