स्पेस में मिला 3200 डिग्री सेल्सियस तापमान वाला एक्सोप्लैनेट, लोहा भी हो जाता है धुआं

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वैज्ञानिकों ने एक बेहद गर्म यानी ‘अल्ट्रा-हॉट’ बृहस्पति जैसा एक्सोप्लैनेट खोजा है.

वैज्ञानिकों ने एक बेहद गर्म यानी ‘अल्ट्रा-हॉट’ बृहस्पति जैसा एक्सोप्लैनेट खोजा है. इसका तापमान 3200 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. इस ग्रह पर पृथ्वी के समान एक स्तरित वातावरण मौजूद है जो बेहद आश्चर्यजनक है. स्वीडन और स्विटजरलैंड के विशेषज्ञों ने हाई-रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपी का इस्तेमाल करके एक्सोप्लैनेट WASP-189b के ‘जटिल और अजीबोगरीब वातावरण’ के बारे में और अधिक खोज की है.

विशालकाय गैसीय ग्रह पृथ्वी से 322 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. इसकी खोज 2018 में वाइड एंगल सर्च फॉर प्लैनेट्स प्रोजेक्ट ने इसके होस्ट-तारे HD 133112 की परिक्रमा करते हुए की थी. अब विशेषज्ञ बताते हैं कि WASP-189b के वातावरण में टाइटेनियम ऑक्साइड, लोहा, टाइटेनियम, क्रोमियम, वैनेडियम, मैग्नीशियम और मैंगनीज का ‘एक अजीबोगरीब कॉकटेल’ मौजूद है.2.7 दिनों में पूरा हो जाता है एक साल

WASP-189b को पहले ब्रह्मांड में सबसे चरम ग्रहों में से एक माना जाता था. इसकी सतह इतनी गर्म है कि यह लोहे को भी वाष्पीकृत करने के लिए सक्षम है. बृहस्पति से डेढ़ गुना बड़ा, WASP-189b सूर्य और पृथ्वी की दूरी की तुलना में अपने होस्ट-तारे से 20 गुना करीब है. यह ग्रह अपने होस्ट-तारे के इतना करीब है कि यहां एक साल सिर्फ 2.7 दिनों का होता है. दूरी के बावजूद शोधकर्ता वायुमंडलीय परतों के चलते WASP-189b के वातावरण की तुलना पृथ्वी से करते हैं.

इससे पहले खबर आई कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के कैरेक्टराइजिंग एक्सोप्लैनेट सैटेलाइट ने एक अजीबोगरीब ग्रहीय पिंड की खोज की है. इस ग्रह का आकार गोल नहीं है और यह बेहद विकृत है. यह एक्सोप्लैनेट अपने होस्ट तारे की परिक्रमा एक दिन से भी कम समय में पूरी कर लेता है. वैज्ञानिकों ने पहली बार किसी अजीबोगरीब आकार वाले ग्रह की खोज की है. यह एक्सोप्लैनेट ग्रहों की आंतरिक संचरना के बारे में एक नई थ्योरी पेश करता है. होस्ट-तारे के ज्वारीय बल के चलते इसका आकार किसी रग्बी बॉल की तरह है.

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