अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। मान्यता है कि पितरों के प्रसन्न होने से जातक को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आषाढ़ में पड़ने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या का शुभ...
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Amavasya Puja Time: पंचांग के अनुसार 05 जुलाई को अमावस्या तिथि पड़ रही है। इस शुभ अवसर पर स्नान-दान का विशेष महत्व है। साथ ही भगवान विष्णु और पितरों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। गरुड़ पुराण में वर्णन है कि अगर कोई इंसान किसी वजह से अपने पितरों को पितृ पक्ष के दौरान तर्पण करना भूल जाता है, तो आषाढ़ अमावस ्या के दिन पितृ तर्पण कर सकता है। यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर करें शिव-पार्वती की खास...
दान करें। करें ये कार्य अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल ड़ालकर स्नान करें। इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करें। अंत में उन्हें खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद अमावस्या पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र का दान करें। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: भगवान शिव की पूजा करते समय करें इस चालीसा का पाठ, अन्न-धन से भर...
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Jyeshtha Amavasya 2024: ज्येष्ठ अमावस्या की पूजा इस कार्य के बिना है अधूरी, पितृ होंगे प्रसन्नज्येष्ठ अमावस्या 06 जून को मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और पितरों की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा स्नान-दान और पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। अमावस्या Jyeshtha Amavasya 2024 पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती...
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