राखी मनाने की शुरुआत द्वापर यगु से हुई है। तत्कालीन समय में एक बार जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण को हाथ में चोट लग गई थी। उस समय द्रौपदी ने आंचल से एक टुकड़ा निकालकर भगवान श्रीकृष्ण के हाथ पर बांध दिया था। इस उपाय से भगवान श्रीकृष्ण को चोट में राहत मिली थी। यह देख भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को सदैव उनकी रक्षा करने का वचन दिया...
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Raksha Bandhan 2024 : हर वर्ष सावन महीने की पूर्णिमा तिथि पर राखी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भाई और बहनों को समर्पित होता है। इस दिन बहनें स्नान-ध्यान के बाद सबसे पहले जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके बाद विधि-विधान से भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। इस समय तिलक और अक्षत लगाकर, आरती उतारकर, मिठाई खिलाकर राखी बांधती हैं। साथ ही तरक्की और उन्नति के लिए भगवान श्रीकृष्ण से कामना करती हैं। इस उपलक्ष्य पर भाई भी अपनी बहनों को उनकी पसंद की...
मिनट तक है। शास्त्रों में भद्रा के समय में शुभ कार्य करने की मनाही है। इसके लिए इस समय तक राखी बांधने हेतु शुभ समय नहीं है। इसके बाद राखी का त्योहार मनाया जा सकता है। शिव योग रक्षाबंधन पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 20 अगस्त को 12 बजकर 47 मिनट तक है। वहीं, धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग 20 अगस्त को 05 बजकर 45 मिनट तक है। राखी बांधने का सही समय सावन पूर्णिमा पर राखी बांधने का सही समय दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से लेकर 04 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष...
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