गोंडा जिले के एक किसान राजेंद्र कुमार निषाद ने तकनीकी खेती अपनाकर सालाना लाखों का कारोबार कर रहे हैं. उन्होंने आधा एकड़ में अचारी मिर्च की खेती की है जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के विकासखंड वजीरगंज का एक किसान तकनीकी खेती करके सालाना लाखों का टर्नओवर कर रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत के दौरान प्रगतिशील किसान राजेंद्र कुमार निषाद बताते हैं कि वे तकनीक की सहायता से खेती करते हैं और अधिकांश सब्जी की खेती करते हैं. इस समय वे अचारी मिर्च की खेती कर रहे हैं. जिससे उनका सालाना लाखों का टर्नओवर होता है. इतने बीघे में कर रहे हैं अचारी मिर्च की खेती राजेंद्र बताते हैं कि वे आधा एकड़ में अचारी मिर्च की खेती कर रहे हैं.
उन्होंने पढ़ाई नहीं की है और शुरू से ही खेती किसानी में रुचि थी इसीलिए नए-नए तरीके से खेती करते हैं. खास बात ये है कि पढ़ाई-लिखाई न होने के बावजूद जागरूकता में कमी नहीं थी और आज वे तकनीक के इस्तेमाल से अपनी पैदावार बढ़ा रहे हैं जिससे उनके मुनाफे में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. पारंपरिक खेती नहीं करते राजेंद्र बताते हैं कि पारंपरिक खेती छोड़कर उसकी जगह पर सब्जी की खेती करते हैं. जिस सीजन की सब्जी रहती उसी सीजन की सब्जी अपने खेतों में पैदा करके बाजारों और मंडी में सप्लाई करते है. अगर कमाई की बात की जाए तो वे रोजाना लगभग 5 से 6 हजार रुपए कमा रहे हैं. ये कभी कम और कभी ज्यादा हो सकती है पर मोटे तौर पर वे मुनाफा कमा रहे हैं. इस मिर्च की क्या है खासियत राजेंद्र बताते हैं कि इस मिर्च की ये खासियत है कि ये हरी में भी बिक जाती है और सूखने के बाद भी बिक जाती है. हरी होने पर इस मिर्ची का प्रयोग पकौड़ा बनाने में किया जाता है और लाल हो जाने पर भरवा अचार बनाने में किया जाता है. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक से राय लेने के बाद हमने गोंडा में इसकी खेती में अपनी किस्मत आजमाई और अच्छा पैदावार हो रही है. जल्दी शुरू होती है कमाई एक पौधे में लगभग 8 से 10 किलो मिर्ची की पैदावार होती है. अचारी मिर्च की नर्सरी जुलाई माह में डाली जाती है. रोपाई के 55 से 60 दिन में अचारी मिर्च फल देना शुरू कर देती है. अगर आप भी जल्दी फायदा चाहते हैं तो इस मिर्ची की खेती कर सकते हैं
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