मटरूआ की कुटेमा गजक: बयाना की परंपरा और स्वाद का संगम

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मटरूआ की कुटेमा गजक: बयाना की परंपरा और स्वाद का संगम
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मटरूआ परिवार द्वारा चार पीढ़ियों से बनाई जाने वाली कुटेमा गजक, सर्दियों में बयाना की मिठाइयों में सबसे प्रिय है.

भारतपुर जिले के बयाना कस्बे में स्थित मटरूआ की कुटेमा गजक न केवल एक मिठाई है. बल्कि यह स्वाद, परंपरा और शुद्धता का प्रतीक भी है, जिसको लोग सर्दियों के मौसम में काफी अधिक पसंद करते हैं. सर्दियों के मौसम में हर मिठाई प्रेमी के लिए यह गजक एक खास आकर्षण बन जाती है. इसकी तैयारी में उपयोग होने वाली शुद्ध सामग्री और पारंपरिक विधि इसे अन्य गजक ों से अलग बनाती है. मटरूआ परिवार इस गजक को चार पीढ़ियों से बना रहा है और यह परंपरा आज भी उसी शुद्धता और गुणवत्ता के साथ जारी है.

कुटेमा गजक की खासियत इसकी बारीक बनावट और मुंह में घुल जाने वाला स्वाद है. इसे गुड़, तिल से तैयार किया जाता है. जो न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं. बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं. सर्दियों में यह गजक शरीर को गर्माहट देने के साथ-साथ पोषण भी प्रदान करती है. मटरूआ की गजक सबसे बड़ी पहचान इसकी शुद्धता है. इसमें न तो कोई मिलावट होती है और न ही गुणवत्ता से समझौता होता है. यही कारण है कि यह गजक भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों में इतनी लोकप्रिय है. यह गजक न केवल स्थानीय लोगों के बीच प्रसिद्ध है. बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटक भी इसे खरीदकर ले जाते हैं. मटरूआ गजक सिर्फ एक मिठाई नहीं है. यह बयाना की संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. हर सर्दी में यह मिठाई अपने स्वाद का आनंद देती है

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मीठा परंपरा गजक तिल गुड़

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